Thursday, April 19, 2018

स्नेहज से मुलाक़ात

ये हैं स्नेहज। कथाकार शेखर मल्लिक और ज्योति मल्लिक के साहबजादे। जब भी कोई कार्यक्रम होता है तो इनकी मस्ती देखते ही बनती है। काफी चंचल। प्यारे दुलारे। अभी अपने नाम का उच्चारण ये ठीक से नहीं कर पाते हैं। लेकिन किस क्लास में पढ़ते हैं, उसका जवाब इन्होंने तपाक से दिया- नलछली। समझ गए न? जी हां- नर्सरी में पढ़ते हैं। घाटशिला में एक आयोजन के बाद मेरे मोबाइल कैमरे और इनके बीच ठन गई। इन्हें जब पता चल जाता है कि कोई फोटो ले रहा है, तो स्थिर नहीं रहते। अगर फोटो लेने वाला जिद पर अड़ा तो ये अपना चेहरा हाथों से छिपा लेते हैं। अभी भोले-भाले हैं, जानते नहीं कि फोटो खिंचवाने के लिए दुनिया के महारथी आजकल कितना बेचैन रहते हैं। जैसे ही इन्हें पता चला कि मैं फोटो ले रहा हूं, वैसे ही इनकी चंचल अदाएं शुरू हो गईं। खैर, बाद में मैं कुछ स्नैप लेने में सफल हो गया।