Friday, June 26, 2015

मेरा फुटबॉल




एक गेंद की तरह
क्या मैं अपने बच्चों के साथ
एक घास भरे मैदान की तरह रह सकता हूँ?
-आलोक धन्वा 


मेरा फुटबॉल है. रोज सुबह खेलता हूँ.
इसकी मेरे पैरों से अच्छी दोस्ती है.
यकीन नहीं तो मुझसे छीन कर देखिए.
मेरे साथ खेलना है तो खेलिए
वर्ना जाइए कहीं बैठकर कविता लिखिए 




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