इन तस्वीरों का सम्बन्ध न किसी ज़माने में
लालू यादव द्वारा किए गए गरीबों के बाल काटने और नहवाने के ड्रामे से है
और न ही मोदी के स्वच्छता अभियान से.
ये तस्वीरें मोदी के स्वच्छता अभियान के ड्रामे से पहले की हैं.
ये बताती हैं कि स्वच्छ्ता एक नैसर्गिक चाह है,
किसी राज्यादेश से इसका रिश्ता नहीं होता.
इसमें शशांक पूरे ध्यान से अपने दोस्त के बालों से कीड़े निकाल रहे हैं.
और दोस्त को भी इस सफाई और प्यार से सुकून मिल रहा है, ऐसा लगता है.
No comments:
Post a Comment